Verbal Communication Skills ऐसी स्किल है जिसके जरिए आपको किसी से बात करने में कोई परेशानी नही होती है और साथ ही आपकी तरक्की के अवसर भी खुलते है। इस स्किल के जरिए आप लोगो से कैसे बात करनी है ये सिख जाते है आज के लेख में Verbal Communication Skills क्या होती है? और इसके प्रकार? के बारे में बताएंगे।
जब आप इंटरव्यू के लिए किसी कंपनी में जाते है तब आपकी स्किल्स को देखा जाता है जिनमे से कम्यूनिकेशन स्किल्स भी एक महत्त्वपूर्ण स्किल है और वर्बल कम्यूनिकेशन स्किल कम्यूनिकेशन स्किल्स के अंतर्गत आती है। स्किल्स लगभग सभी क्षेत्रों में नौकरी पाने के लिए अनिवार्य हो गया है।
जॉब के लिए इंटरव्यू देना हो या फिर कोई कार्य करने के लिए स्किल्स वाले व्यक्तियों को विशेष महत्व दिया जाता है। जितनी अच्छी आपकी ये स्किल होगी उतना ही अच्छे से आप लोगो से बात कर पाएंगे और इसकी मदद से अच्छी नौकरी भी पा पाएंगे।
Verbal Communication क्या होती है? What is Verbal Communication Hindi
अच्छा Verbal Communication करने के लिए आपके पास Verbal Communication Skills होनी चाहिए। Verbal Communication को अच्छा करने के लिए आपको अपनी Verbal और Non Verbal Communication Skills दोनो को सीखना होगा।
वर्बल कम्यूनिकेशन के जरिए आप अपनी बात लोगो को अच्छे से समझा सकते है और उनकी बातो को भी समझ सकते हैं इसमें आपकी लोगो से बात करने की हिचकिचाहट दूर होती है और आप कॉन्फिडेंस के साथ अपनी बात कह सकते है। आपने स्पीकर को देखा होगा वो कितने कॉन्फिडेंस से बात करते है वो इसलिए क्युकी उनकी ये स्किल अच्छी होती है।
Verbal and Non Verbal Communication Hindi
Verbal Communication Skills :
Verbal Communication Skills यानी मौखिक संचार कौशल। मुख से बात करना। इस स्किल के माध्यम से अपने अंदर परिवर्तन किया जा सकता है। एक दूसरे से बात करके धीरे धीरे इस स्किल को बेहतर किया जा सकता है। समूह में बैठकर बात करने से भी इस स्किल को बेहतर बनाया जा सकता है। इस स्किल से आप लोगो से अपना कार्य भी करवा सकते हैं। ये बहुत ही महत्वपूर्ण कौशल है।
Non Verbal Communication Skills :
Non Verbal Communication यानी अमौखिक संचार। बिना बोले या बात करते वक्त बॉडी पार्ट्स का इस्तेमाल करना। बात करते वक्त आपके शरीर के हाव भाव। जैसे आपने कई लोगो को देखा होगा जो बात करते वक्त चलते है फिर रुक जाते है घूमते है और अपने हाथो का मूवमेंट करते रहते है ये सभी नॉन वर्बल कम्यूनिकेशन स्किल के अंतर्गत ही आता है। इसको भी वर्बल कम्यूनिकेशन करते वक्त बेहतर किया जा सकता है।
Types of Verbal Communication Hindi : वर्बल कम्यूनिकेशन के प्रकार
Verbal Communication मुख्यत तीन प्रकार के होते है।
- इंट्रापर्सनल कम्यूनिकेशन
- पब्लिक कम्यूनिकेशन
- स्मॉल ग्रुप कम्यूनिकेशन
इंट्रापर्सनल कम्यूनिकेशन :
यह कम्यूनिकेशन सिर्फ दो लोगो के बीच होता है जहां पर दो लोग आपस में बात करते है और किसी भी विषय पर बात करते हैं।
पब्लिक कम्यूनिकेशन :
इसमें बहुत सारे लोग होते है इस कम्यूनिकेशन में एक व्यक्ति अपनी बात बहुत सारे लोगो के सामने करता है या उन्हे बताता है या समझाता है, और सभी लोग सुनते है जैसे सेमिनार होते है जहां पर स्टेज पर एक व्यक्ति बोलता है और बाकी सब बैठकर सुनते है।
स्मॉल ग्रुप कम्यूनिकेशन :
इस प्रकार की कम्यूनिकेशन में दो या दो से अधिक लोगो का छोटा सा समूह होता है जहां पर वो आपस में किसी विषय पर बात कर रहे होते है जैसे आपने न्यूज चैनल पर देखा होगा प्रेस कॉन्फ्रेंस होती है, कंपनियों में टीम मीटिंग होती है और कॉलेज में लंच टाइम में कुछ विद्यार्थी एक साथ बैठकर बात चीत करते है।
Importance of Verbal Communication Hindi
ये इसलिए महत्वपूर्ण क्युकी इसका सही से उपयोग करके आप जीवन में सफलता प्राप्त कर सकतें हैं चाहे वो नौकरी पाने के लिए आप इंटरव्यू देने जा रहे है या फिर नौकरी करते वक्त टीम से कोई कार्य करवाना हो, या मीटिंग में किसी प्रोजेक्ट के बारे में बताना और आपकी निजी जीवन को खुशहाल बनाने में भी काम आती है। अपने जीवन में हर व्यक्ति को ये स्किल सीखनी चाहिए ताकि वह सफल हो सके।
जिन व्यक्तियों के पास ये स्किल होती है उनका कॉन्फिडेंस अच्छा होता है और कॉन्फिडेंस अच्छा होने के कारण काम में होने वाली गलतियां कम हो जाती है और आपके साथ काम कर रहे लोगो में भी आप कॉन्फिडेंस उत्पन्न कर सकते हैं। तो अब आप जान ही गए होंगे वर्बल कम्यूनिकेशन क्यों जरूरी हैं।
Verbal Communication को बेहतर कैसे करें : How to Improve Verbal Communication Hindi
वर्बल कम्यूनिकेशन को इंप्रूव करने के लिए आप नीचे बताए गए तरीके अपना सकते है :
साफ और सरल शब्दों का प्रयोग करें
अगर आप अपनी बात को लोगो को समझाना चाहते है तो साफ और सरल शब्दों का प्रयोग करें आपको ऐसे शब्दो का प्रयोग नहीं करना है जो कठिन हो जिनको समझने में मुश्किल हो ऐसे शब्दो का प्रयोग करने से बचे और ऐसे शब्दो का प्रयोग करें जिससे लोग आपकी बात समझ सके।
कहीं बोलने से पहले जो आप बोलना चाहते है उसे एक पेपर पर लिख लें और फिर पढ़े जो आपने लिखा है वो आपको समझ आ रहा है या नही और आप जब लोगो को समझाएंगे तो उन्हे समझ आएगा या नही।
इसका सबसे ज्यादा महत्व तब होगा जब आप किसी प्रोजेक्ट या सभा में लोगो को कुछ समझा रहे होंगे क्युकी इस समय ये जरूरी होगा की सभी आपकी बात समझ सकें इसलिए साफ और सरल शब्दों का प्रयोग करें।
बोलने से पहले सोचना
आपने एक कहावत तो अक्सर सुनी होगी की बोलने से पहले हमे सोचना चाहिए। क्युकी मुंह से निकला शब्द कभी वापस नहीं आता इसीलिए कहा जाता है कुछ भी बोलने से पहले सोच लेना चाहिए। शब्द बहुत ताकतवर होते है जिनका सही से इस्तेमाल ना करने पर ये आपको मुस्किल में डाल सकते हैं।
इसलिए बोलने से पहले सोचना जिस से आप किसी परेशानी में न पड़ें और आप लोगो पर भी प्रभाव डाल सकें। किसी भी सवाल का जवाब देने से पहले उसका उत्तर सोच समझ कर देना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है और आपकी गलती होने के चांस भी कम हो जाते हैं।
बोलने से पहले आपके मन में जो भी विचार आते है उन्हे समझिए क्या ये बोलना ठीक रहेगा या नही मन में सोच विचार करिए और फिर अपनी बात रखिए। जिस से लोगो को आपकी बात अच्छी लगेगी और लोग मानेंगे भी और समझेंगे भी।
आपने कई बार देखा होगा कुछ लोग बिना सोचे समझे बोल देते है जो उनके मन में आता है वो बोल देते है जिस बात का ना तो कोई सर होता है और ना ही पैर। ऐसे लोगो को कोई अहमियत नहीं देता और न ही कोई उनकी बात सुनता है।
सामने वालो को भी समझें
आपके बोलने का तरीका कितना ही अच्छा क्यों ना हो लेकिन जब तक आप सामने वालो को नही समझ पा रहे है तब तक इसका कोई फायदा नही। अपनी बातो को लोगो को समझाने के लिए आपको सामने वाले लोगो को भी समझना होगा आपको ये जानना होगा कि जिस बारे में आप बात करने वाले हैं उनके पास इस बात की कितनी जानकारी है।
जानकारी देने से पहले आपको सामने वाले लोगो की जरूरत को समझना होगा की उन्हे क्या जानने की जरूरत है जब आप उनके जरूरत की बात करेंगे तभी वो आपकी बात सुनेंगे। और आपको एक बात का ध्यान रखना है कि सभी लोगो को एक जैसी ही जानकारी नही चाहिए होगी इसलिए उन्हें समझकर ही उनके हिसाब से बात करें जिस से वो देर तक आपकी बात को सुने और समझे।
बोलते वक्त आवाज सही रखें
किसी से बोलते वक्त आपकी आवाज भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। बोलते वक्त आवाज सही रखें से हमारा तात्पर्य है वॉइस टोंड जब आप बात करते है तो तेज आवाज में बात करना या धीमी आवाज में बात करना। आपने देखा होगा जब कोई व्यक्ति गुस्सा होता है तो वो चिल्ला चिल्ला के और जोर जोर से बात करता है और ऐसा करने से बात और बिगड़ सकती है।
इसलिए आपको धीमी आवाज में बात करना सीखना होगा। जिस से आपकी वर्बल कम्यूनिकेशन स्किल्स अच्छी होगी और लोगो को आपकी बात सुनना भी अच्छा लगेगा। शब्दो के अनुसार आप अपनी आवाज को तेज और धीमा कर सकते है और यदि आपको समझने में दिक्कत हो रही है तो आप किसी स्पीकर की वीडियो देखिए वो किस प्रकार अपनी आवाज का इस्तेमाल करते है।
बॉडी लैंग्वेज को सुधारें
ये नॉन वर्बल कम्यूनिकेशन में आती है जिसका इस्तेमाल बात करते वक्त करना ज़रूरी होता है। क्युकी अच्छे बॉडी लैंग्वेज से लोग आपकी और आकर्षित होते है और ध्यान से आपकी बात सुनते है।
आई कॉन्टैक्ट भी बॉडी लैंग्वेज का ही एक हिस्सा है बात करते वक्त लोगो की आंखों में देख कर बात करें। लगातार नही देखे बीच बीच में जरूरत के हिसाब से देखने इस से लोग समझेंगे की पता नही कब आप उनकी तरफ देखे इसलिए वो आपकी बात को ध्यान से सुनेंगे। अच्छी बॉडी लैंग्वेज में आई कॉन्टैक्ट के साथ साथ आपके चेहरे के हाव भाव, पैरो की मूवमेंट, और हाथो की मूवमेंट शामिल है।
लोगो की बातो को सुनें
जितना जरूरी आपका बोलना है उतना ही जरूरी आपका लोगो की बातो का सुनना भी है। जब तक आपको ये नही पता होगा लोगो को क्या समझना है तब तक आप उन्हें कैसे और क्या समझाएंगे और ये आप तभी जान पाएंगे जब आप लोगो की बातो को सुनेंगे।
कई लोग ऐसे होते है जो दूसरो की पूरी बात सुने बिना ही बीच में बोलना शुरू कर देते है ये गलत है दूसरो की पूरी बात सुने और समझे फिर बोलें। और अगर आप भी ऐसा ही करेंगे तो आप लोगो के सामने अपनी बात कैसे रख पाएंगे। अपनी बात खत्म करने के बाद लोगो से पूछे उनके मन में कोई सवाल है या उन्हे कुछ पूछना है तो पूछ सकते हैं। जब लोग आपसे सवाल पूछे तो आपको पूरी बात सुननी होगी फिर जवाब देना होगा।
Tips to Improve Verbal Communication in Hindi
Verbal Communication को बेहतर करने के लिए आपको लगातार अभ्यास करना होगा इसको बेहतर करने का सबसे अच्छा तरीका अभ्यास ही है। इसके बिना आप इसे क्या किसी भी स्किल को बेहतर नही बना सकते।
- स्पीकर्स की वीडियो देखिए किताबें पढ़िए।
- शुरआत में आप अकेले कमरे में शीशे के सामने खड़े होकर बोलने का अभ्यास करें।
- अगर आपको कुछ समझ नही आ रहा है क्या बोलें तो आप एक पेपर पर स्पीच लिखें फिर उसमे से देखकर बोले।
- धीरे धीरे स्पीच याद करना सीखें और शीशे में खुद को देख कर बोलने का अभ्यास करें।
- अपनी आवाज को रिकॉड करें फिर बाद में सुनें की आपने कहां गलती की है और उस गलती को सुधारें।
- आपने महान कवी वृन्द जी का दोहा तो सुना होगा करत करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान। इसलिए रोजाना अभ्यास करने से आप अपनी वर्बल कम्यूनिकेशन स्किल्स को आसानी से बेहतर कर पाएंगे।
यह लेख भी पढ़े : सॉफ्ट स्किल्स क्या होती है और यह क्यों महत्वपूर्ण है?
निष्कर्ष
आज के लेख में आपने Verbal Communication Skills क्या होती है, Types of Verbal Communication Hindi, Verbal and Non Verbal Communication Hindi, वर्बल कम्यूनिकेशन को बेहतर कैसे करें और वर्बल कम्यूनिकेशन क्यों महत्वपूर्ण है के बारे में जाना आपको लेख कैसा लगा कॉमेंट के जरिए अपनी राय जरूर दें। आज के लेख को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद।
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