शेयर मार्केट में कई विकल्प होते है उन्ही विकल्प में से एक है ऑप्शन ट्रेडिंग जिसका उपयोग बहुत अधिक किया जाता है और लोग ऑप्शन ट्रेडिंग के जरिए एक दिन में लाखो रुपऐ कमा लेते हैं लेकिन उसके लिए जानकारी होना जरूरी है की Option Trading कैसे काम करता है अगर आपके पास जानकारी नहीं है तो आज के लेख में हम आपको स्टॉक मार्केट में ऑप्शन ट्रेडिंग क्या होता है ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे काम करता है? के बारे में विस्तार से बताएंगे।
बिना ऑप्शन ट्रेडिंग को जाने एक नए व्यक्ति के लिए स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करना मुश्किल हो सकता है वो मुनाफे की जगह अपना नुकसान करा सकता है इसलिए इसको ठीक से समझकर ही करें।
ऑप्शन ट्रेडिंग क्या होता है?
स्टॉक मार्केट में दो विकल्प होते है जिनके जरिए पैसा कमाया जाता है एक शेयर खरीदकर यानी इन्वेस्टमेंट करके और दूसरा ट्रेडिंग करके और इनके अंदर भी काफी विकल्प दिए होते है।
ऑप्शन ट्रेडिंग एक प्रकार का कॉन्ट्रैक्ट होता है जो खरीददार और विक्रेता को कुछ राशि देकर एक निर्धारित तारीख पर किसी स्ट्राइक प्राइस पर सिक्योरिटी को खरीदने और बेचने का अधिकार देती है इसमें कॉल और पुट विकल्पों के जरिए खरीदा और बेचा जाता है।
आसान शब्दों में समझें तो इसका मतलब है की आप पहले कुछ राशि देकर स्टॉक या शेयर को खरीद सकते है और उसे अपने पास तब तक होल्ड करके रख सकते हैं जब तक उसकी समय सीमा खत्म नही हो जाती इसमें समय एक सप्ताह और एक महीने का होता है।
जिस दिन समय सीमा खत्म होती उस दिन आपको शेयर बेचने होते है आप समय सीमा खत्म होने से पहले भी बेच सकते है।
सबसे ज्यादा इसका इस्तेमाल निफ्टी और बैंक निफ्टी में किया जाता है क्योंकि वहां शेयर को खरीदने के लिए राशि कम देनी पड़ती है आप चाहे तो किसी भी कंपनी के शेयर में ऑप्शन ट्रेडिंग कर सकते हैं।
ऑप्शन ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है?
ऑप्शन ट्रेडिंग दो प्रकार की होती है
- कॉल ऑप्शन
- पुट ऑप्शन
ऑप्शन ट्रेडिंग में कॉल और पुट किसी भी सिक्योरिटी को खरीदने के लिए विकल्प होते है सिक्योरिटी यानी की निफ्टी, बैंक निफ्टी और स्टॉक्स।
जैसे आपके एनालिसिस के अनुसार आपको लगता है मार्केट ऊपर जायेगा तो आप कॉल ऑप्शन यानी CE से स्टॉक खरीदेंगे और अगर आपको लगता है मार्केट नीचे जायेगा तो आप पुट ऑप्शन यानी PE से स्टॉक खरीदेंगे।
CE की फुल फॉर्म होती है Call European और Pe की फुल फॉर्म होती Put European
कॉल ऑप्शन क्या है?
इस ऑप्शन के जरिए हम तब स्टॉक खरीदते है जब हमें लगता है मार्केट ऊपर जायेगा यानी शेयर के प्राइस बढ़ेंगे। इसमें कम राशि से अच्छा लाभ बना सकते हैं।
पुट ऑप्शन क्या है?
इसमें कॉल ऑप्शन का ठीक उल्टा होता है कॉल ऑप्शन में हम तब खरीदते थे जब हम लगता था शेयर का प्राइस ऊपर जायेगा और पुट ऑप्शन में हम तब खरीदते हैं जब हमे लगता है शेयर का प्राइस नीचे जायेगा यानी घटेंगे कम होंगे।
निफ्टी और बैंक निफ्टी वीकली एक्सपायरी यानी एक सप्ताह होती है और अन्य कंपनी के स्टॉक एक महीने की एक्सपायरी होती है और इनका वीकली एक्सपायरी पहले सप्ताह के गुरुवार को होता है और मंथली आखरी गुरुवार को।
ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे करते हैं?
काफी साल पहले ऑप्शन ट्रेडिंग या शेयर खरीदने के लिए ब्रोकर के पास जाना पड़ता था लेकिन आज के समय में आप घर बैठे ट्रेडिंग कर सकते है और शेयर खरीद और बेच सकते हैं।
ऑप्शन ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास डीमैट ट्रेडिंग अकाउंट होना चाहिए और उसमें फ्यूचर एंड ऑप्शन वाला विकल्प चालू होना चाहिए।
अगर आपके पास डीमैट अकाउंट नही है या आपको पता नही है की डीमैट अकाउंट कैसे खोला जाता है तो हमने इस लेख के अंत में डीमैट अकाउंट खोलने वाले लेख का लिंक दिया है आप उसे पढ़ सकते है वहां स्टेप बाय स्टेप बताया है।
वापस आते है अपने टॉपिक पर ऑप्शन ट्रेडिंग करने से पहले आपको उसको सीखना और समझना होगा बिना सीखे ट्रेडिंग करेंगे तो आपको सिर्फ नुकसान हो होगा।
ऑप्शन ट्रेडिंग में इस्तेमाल होने वाले कुछ खास शब्द:
स्टॉक सिंबल: ऑप्शन में स्टॉक सिंबल का मतलब होता है ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट से जुड़ी किसी स्टॉक या इंडेक्स की पहचान एक तरह से कह सकते है स्टॉक का नाम होता है जैसे- Nifty 19000 CE
स्ट्राईक प्राइस: यह वह मूल्य होता है जिस प्राइस में हम स्टॉक को खरीद और बेच सकते है।
एक्सपायरी डेट: जैसा कि इसके नाम से ही पता चल रहा है एक्सपायरी डेट यानी समाप्ति तिथि स्टॉक या इंडेक्स की जिस दिन समाप्ति होती है उस दिन को एक्सपायरी डेट कहते हैं।
प्रीमियम: स्टॉक या ऑप्शन को खरीदने में लगने वाली लागत को प्रीमियम कहते हैं।
ऑप्शन ग्रीक्स: ऑप्शन ग्रीक्स ऑप्शन के मूल्य और ऑप्शन के उतार चढ़ाव को समझने में मदद करते हैं इन ग्रीक्स को समझना ऑप्शन ट्रेडिंग में बहुत महत्वपूर्ण है।
ऑप्शन ग्रीक्स में गामा, ठीठा, वेगा, डेल्टा, पैरामीटर होते है जिनको समझना आवश्यक है।
इनको अच्छे से समझने के लिए आप यूट्यूब पर वीडियो देख सकते हैं लेख के माध्यम से आपको समझना थोड़ा मुश्किल हो जाएगा।
ट्रेडर: वह व्यक्ति जो ट्रेडिंग करता है यानी की जो व्यक्ति स्टॉक को खरीदता और बेचता है उसे ट्रेडर कहते हैं।
ट्रेडिंग स्ट्रेटजी: यह एक प्रकार की स्किल होती है जिसका उपयोग ट्रेडर स्टॉक को खरीदने और बेचने के लिए करता है यह आपके विश्लेषण और तर्क पर निर्भर होती है जो आपको सही निर्णय लेने में मदद करती है।
रिस्क मैनेजमेंट: यह बहुत ही महत्वपूर्ण ट्रेडिंग स्किल है जो एक ट्रेडर को अपने जोखिम को मैनेज करने में मदद करती है रिस्क मैनेजमेंट के जरिए ट्रेडर अपनी राशि को बचाकर हानि से बच सकता है।
शुरुआती के लिए ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे सीखें?
Option Trading सीखने के लिए आपको मार्केट रिसर्च, ऑप्शन चेन डेटा, मार्केट प्राइस, पुट कॉल रेश्यो, ट्रेड एनालिसिस, कैंडल चार्ट आदि को सीखना होगा। और अलग अलग स्ट्रेटजी होती हैं जिन्हे सीखकर आप मुनाफा कमा सकते हैं।
Option Trading सीखने से पहले आपको ये डिसाइड करना होगा की आप किस इंस्ट्रूमेंट में ट्रेड करेंगे इंस्ट्रूमेंट जैसे निफ्टी, बैंक निफ्टी और स्टॉक्स ऑप्शन।
Option Trading सीखने के लिए निचे बताए हुई बातो का ध्यान रखे।
- सबसे पहले आपको Option Trading के बेसिक को सीखना है ऑप्शन ट्रेडिंग में जो कुछ भी होता है उसे एक एक करके सीखिए।
- ट्रेडिंग में उन्ही लोगो को नुकसान होता है जो बिना जानकारी के ट्रेडिंग करते हैं।
- ट्रेडिंग एक्सपार्ट के द्वारा लिखी गई किताब पढ़िए इस से आपको सीखने में आसानी होगी।
- ट्रेडिंग सीखने के लिए यूट्यूब भी एक अच्छा विकल्प है बशर्ते आप किसी सही चैनल पर पहुंचे बस क्योंकि बहुत से लोग ऐसे है जिन्हे स्टॉक मार्केट का बिलकुल भी ज्ञान नहीं है और बस व्यूज के लिए वीडियो बना रहे हैं
- पेपर ट्रेडिंग करके प्रैक्टिस करिए किताब से या वीडियो में जो भी बताया गया है उसे पेपर ट्रेडिंग के जरिए करने की कोशिश करें।
- लाइव चार्ट पर प्रैक्टिस करिए और जब आपको लगे शेयर का प्राइस बढ़ने वाला है तो उस समय जो रेट चल रहा है उसे पेपर पर लिखिए और देखिए आपके सोचने के अनुसार प्राइस बड़ा या नहीं।
- कुछ दिन पेपर ट्रेडिंग करने के बाद देखिए आपके कितने ट्रेड सही हुए यानी प्रॉफिट में हुए अगर आपके दस में से सात ट्रेड सफल हो रहे हैं और वो भी लगातार दस दिनों तक तब आप पैसे से ट्रेडिंग कर सकते हैं।
ऑप्शन ट्रेडिंग टिप्स : Option Trading करते वक्त ध्यान में रखने वाली बातें?
ऑप्शन ट्रेडिंग करते वक्त ध्यान रखने वाली बाते निम्नलिखित है
- आपको प्रॉफिट कमाने से ज्यादा अपने लॉस पर ध्यान देना है आपको इस बात का ध्यान रखना है की अगर आज आपको एक हजार का प्रॉफिट हुआ तो कल अगर नुकसान होता है तो सिर्फ पांच सौ का ही हो।
- Option Trading में सबसे महत्वपूर्ण रिस्क ही होता है अगर आपने रिस्क मैनेजमेंट में थोड़ी भी लापरवाही की तो आपको बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है। आप जितने पैसे का रिस्क ले सकते ही उतने पैसे से ही ट्रेडिंग करें मतलब आप उन पैसे से ट्रेडिंग करें जो पैसे चले भी जाए तो भी आपको कोई फर्क ना पड़े।
- बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्हें एक बार प्रॉफिट हो जाए तो वो बार बार ट्रेड करते हैं और अपना प्रॉफिट तो लॉस में कन्वर्ट करते ही हैं साथ में अपना कैपिटल भी लॉस कर देते है।
- लेकिन आपको ऐसा नही करना है एक माइंडसेट रखें की दिन में तीन ट्रेड से ज्यादा नही करेंगे चाहे प्रॉफिट हो या लॉस।
- आपको एक डिसिप्लिन के साथ ट्रेडिंग करनी है आपको पहले से डिसिप्लिन बनाना होगा अगर आपको पहले ट्रेड में प्रॉफिट हुआ तो आपको उसको लॉस में कन्वर्ट नही करेंगे।
Option Trading करते वक्त क्या नहीं करना है?
- आपको बिना सीखे ट्रेडिंग नहीं करनी है अगर आप बिना सीखे करेंगे तो निश्चित ही अपना नुकसान कराएंगे ये हम अपने एक्सपीरियंस से आपको बता रहे हैं। इसलिए पहले सीखिए समझिए फिर ट्रेडिंग में आइए।
Option Trading के फायदे:
ऑप्शन ट्रेडिंग के फायदे निम्नलिखित है।
ऑप्शन ट्रेडिंग में सबसे बड़ा फायदा यह है की इसमें आपका नुकसान सीमित होता है और फायदे की कोई लिमिट नही होती:
उदाहरण- अगर आप ऑप्शन ट्रेडिंग में 1000 रुपऐ लगाते हैं तो आपको नुकसान भी 1000 रूपये का ही होगा और फायदा अनलिमिट अगर आपका एनालिसिस सही हुआ तो हो सकता है आपके 1000 रुपऐ आगे चलकर 10,000 रूपये हो जाए। और एनालिसिस सही नही हुआ तो लॉस एक हजार का ही होगा।
यही कारण है लोग ऑप्शन ट्रेडिंग को ज्यादा पसंद करते हैं।
- कम पैसे में अधिक लोट के साथ ट्रेडिंग सिर्फ ऑप्शन के जरिए ही कर सकते हैं।
- अगर आप इंट्राडे ऑप्शन ट्रेडिंग करेंगे तो आपका प्रॉफिट कई गुना हो सकता है।
- शेयर का प्राइस बहुत ही कम पैसे में मिल जाता है।
- कम कैपिटल से ज्यादा प्रॉफिट बना सकते हैं।
Option Trading के नुकसान:
ऑप्शन ट्रेडिंग के फायदे तो आप जान हो गए हैं अब बात करते है ऑप्शन ट्रेडिंग के नुकसान की।
- अगर आप बिना सीखे करेंगे तो आप मार्केट में अपने पैसे डूबा देंगे।
- केवल कुछ ही मिनटों में आपके सारे पैसे खत्म हो सकते हैं।
- शायद आपको पता नहीं ऑप्शन ट्रेडिंग में ऑपरेटर ही आपका स्टॉप लॉस बार बार हिट करवाते है क्योंकि उन्हें नए ट्रेडर्स की साइकोलॉजी अच्छे से पता होती है।
- अगर आपके अनुसार मार्केट परफॉर्म नही करता है तो आपके प्रीमियम की वैल्यू कम होती जायेगी।
FAQs Option Trading in Hindi
क्या ऑप्शन ट्रेडिंग शुरुआती लोगों के लिए अच्छा है?
नहीं शुरुआती लोग नॉर्मल शेयर से अपनी स्टॉक मार्केट की शुरुआत करें जब मार्केट की समझ आ जाए तब ऑप्शन ट्रेडिंग कर सकते हैं।
सबसे आसान ऑप्शन ट्रेड क्या है?
सबसे आसान ऑप्शन ट्रेड है CE यानी की कॉल ऑप्शन क्योंकि इसमें पुट की तुलना में कम पैसे से ट्रेडिंग की जा सकती है।
ऑप्शन ट्रेडिंग सीखने के लिए कितने दिन चाहिए?
अगर आपके सीखने की क्षमता अच्छी है तो आप जल्दी सिख जायेंगे और मान के चले तो 3 महीने से लेकर 1 साल तक का समय लग जाता है सफल ट्रेडर बनने में।
निष्कर्ष
आज के लेख में भी हम आपको वही सलाह देंगे जो स्टॉक मार्केट से रिलेटेड हर लेख में देते आए है की आप जब तक स्टॉक मार्केट को अच्छे से समझ ना जाए तब तक पैसे ना लगाए नहीं तो आपको बाद में पछताना पड़ सकता है।
ऑप्शन ट्रेडिंग करना कोई मुश्किल काम नहीं है बस सफल होना मुश्किल है अगर आपको मार्केट से लेना है देना नही है तो पहले सीखिए फिर ऑप्शन ट्रेडिंग करिए।
उम्मीद है आज के लेख से आपको कोई नई जानकारी मिली होगी अगर आज आपको कुछ नया सीखने को मिला तो कॉमेंट के जरिए अपना ओपिनियन जरूर दें और सोशल मीडिया पर हमारे साथ जुड़िए।
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